अध्याय 3 - निगम का प्रबंध

प्रबन्ध
6- 1. निगम के कार्यकलाप तथा करोबार का साधरण अधीक्षण, निदेशन तथा प्रबंध निदेशक बोर्ड में निहित होगा जो ऐसी समस्त शकितयों का प्रयोग कर सकेगा तथा ऐसे समस्त कार्य और बातें कर सकेगा जिनका कि प्रयोग निगम द्वारा इस अधिनियम के अधीन किया जा सकता है या जो निगम द्वारा इस अधिनियम के अधीन की जा सकती है. 2. निदेशक बोर्ड, अपने कृत्यों का पालन करने में, लोकहित का ध्यान रखते हुए कारबार संबंधी सिद्धांतों के अनुसार कार्य करेगा और नीति विषयक प्रश्नों पर ऐसे निर्देशों से मार्गदर्शित होगा जो उसे राजय सरकार द्वारा समय समय पर दिए जायें।

बोर्ड का गठन
 7-
1. निगम का निदेशक बोर्ड अध्यक्ष जो कि राज्य सरकार द्वारा नाम निर्दिष्ट किया जायेगा तथा निम्नलिखित अन्य निदेशकों से मिलकर बनेगा अर्थात:- सचिव, मध्यप्रदेश शासन, पशुपालन विभाग, और यदि कोर्इ सचिव न हो तो उस विभाग का विशेष सचिव, जो उपाध्यक्ष होगा
. सचिव, मध्यप्रदेश शासन, वित विभाग या उसका नाम निर्देशिती जो उप सचिव की पदश्रेणी से निम्न पदश्रेणी का न हो
. संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं मध्यप्रदेश
.रजिस्ट्रार सहकारी सोसाइटियां मध्यप्रदेश
  धारा 10 के अधीन नियुक्त किया जाने वाला प्रबंध निदेशक,
  बैंकों तथा वित्तदायी संस्थाओं का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक निदेशक जो राज्य सरकार द्वारा नामनिदिष्ट किया जायेगा।
  पशुधन एवं कुक्कुट विकास के बारे में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाला एक निदेशक जो राज्य सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट किया जायेगा।
पशुधन एवं कुक्कुट उत्पादन तथा विपणन का व्यवहारिक अनुभव रखने वाले दो निदेशक जो राजय सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट किए जायेंगे।
पशुधन एवं कुक्कुट विषयक व्यावहारिक अनुभव रखने वाला अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति का एक प्रतिनिधि, जो राज्य सरकार द्वारा नामनिर्दिष्ट किया जाएगा।
जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविधालय निदेशक उसे नामनिर्दिष्ट करने वाले प्राधिकारी के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा किन्तु उसके पद की अवधि उसके नामनिर्देशन की अधिसूचना की तारीख से तीन वर्ष से अधिक की नहीं
2.अध्यक्ष या कोर्इ नाम निर्दिष्ट निदेशक उसे नामनिर्दिष्ट करने वाले प्राधिकारी के प्रसादपर्यन्त पद धारण करेगा किन्तु उसके पद की अवधि उसके नामनिर्देशन की अधिसूचना की तारीख से तीन वर्ष से अधिक की नहीं होगीयधपि अध्यक्ष या कोर्इ नामनिर्दिष्ट निदेशक, क्रमश: राज्य सरकार को तथा बोर्ड के अध्यक्ष को स्वहस्ताक्षरित पत्रा भेजकर अपना पद किसी भी समय त्याग सकेगा और त्यागपत्रा उसके प्राप्त होने की तारीख से प्रीाावी होगा।
3.अध्यक्ष या किसी नाम निर्दिष्ट निदेशक की मृत्यु हो जाने उसके द्वारा पद तयाग कर दिये जाने, उसके निरहित हो जाने या उसे हटाये जाने की दशा में, वह रिक्त नामनिर्देशन द्वारा यथासंभव शीघ्र भरी जाएगी।

  निगम का निदेशक होने के लिए निर्हता
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1. कोइ भी व्यकित निगम के निर्देशक के रूप में नामनिर्दिष्ट किये जाने या नियुकत किये जाने के लिये तथा निगम का निदेशक होने के लिये निरहित होगा -
यदि वह न्यायनिर्णीन दिवालिया है या किसी भी समय न्यायनिर्णीन दिवालिया रहा है या उसने अपने ऋण का भुगतान निलंबित कर दिया है या आपके लेनदारों के साथ प्रशमन कर लिया है, या यदि वह विकृत चित्त का है और सक्षम न्यायालय द्वारा ऐसा होना घोषित कर दिया जाता है, या
यदि उसे पशुओं के प्रति क्रूरता का निवारण अधिनियम 1960 ;1960 का सं. 59द्ध सें प्राविन्सेस एण्ड बरार स्लाटर आफ एनीमल्स एक्ट, 1915 ;क्रमांक 4 सन 1915द्ध या मध्यप्रदेश कषिक पशु परिरक्षण अधिनियम 1959 ;क्रमांक 18 सन 1959द्ध के अधीन किसी अपराध का सिद्धदोष ठहराया जाता है या ठहराया जा चुका है, या
यदि उसे सरकार की या किसी ऐसे निगम की जिस पर केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार का स्वामित्व या नियंत्राण है, सेवा से हटा दिया जाता है या पदच्युत कर दिया जाता है, या
यदि वह किसी ऐसी रीति में कार्य करता है जो निगम के हित के प्रतिकूल है या किसी ऐसे निकाय, संस्था या संगठन में कोर्इ हित रखता है जिसके कि्रयाकलाप निगम के हित के प्रतिकूल है.
2.यदि निगम का कोर्इ निर्देशक उपधारा ;1 में वर्णित निरर्हताओं में से किसी भी निरर्हता से ग्रस्त हो जाता है तो वह राजय सरकार द्वारा जारी की गर्इ इस आशय की अधिसूचना की तारीख से निगम का निदेशक नहीं रहेगा।

नामनिर्दिष्ट निदेशकों द्वारा पद का रिक्त किया जाना
9.
1. यदि कोर्इ नामनिर्दिष्ट निदेशक
धारा 8 में वर्णित निरर्हताओं में से किसी निरर्हता के अध्यधीन हो जाता है, या बोर्ड की इजाजत के बिना, उसके तीन से अधिक क्रमवती्र समिमलनों में ऐसे कारण के बिना अनुपसिथत रहाता है जो उसकी अनुपसिथति की माफी के लिये, राज्य सरकार की राय में पर्याप्त है, है तो राज्य सरकार यह घोषित कर सकेगी कि उक्त निदेशक के संबंध में यह समझा जाएगा कि उसने इस आशय की अधिसूचना की तारीख से अपना पद रिक्त कर दिया है और तदुपरि उसका स्थान रिक्त हो जाएगा
2. कोर्इ ऐसा निदेशक, जिसका पद उपधारा
1 के अधीन रिक्त घोषित कर दिया गया हो, बोर्ड में निदेशक के रूप में पुन: नामनिर्दिष्ट किया जाने के लिये या निगम में किसी भी हैसियत में नियोजित किया जाने के लिये पात्रा नही होगा ऐसी शकितयों का प्रयोग तथा ऐसे कर्तव्यों का पालन करेगा जो कि बोर्ड उसे प्रत्यायोजित करे या सौंपे. ऐसा वेतन तथा भत्ते प्राप्त करेगा और सेवा के ऐसे निबन्ध्नों तथा शर्तों द्वारा शासित होगा कि निगम, राज्य सरकार के अनुमोदन से अवधारित करें
10- 1. परन्तु प्रथम प्रबंध निदेशक ऐसा वेतन तथा भत्ते प्राप्त करेगा और सेवा के ऐसे निबंधनों तथा शर्तों द्वारा शासित होगा जैसी कि राज्य सरकार अवधारित करे
     2. राज्य सरकार कोर्इ कारण बताए बिना, प्रबंध निदेशक को किसी भी समय पद से हटा सकेगी.

प्रबंध निदेशक के पद में आकसिमक रिकितयां
11-यदि प्रबंध निदेशक, अंग-शैथिल्य के कारण या अन्यथा, अपने कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ हो जाता है या छूटटी पर होने के कारण या अन्यथा ऐसी परिसिथतियाें में जिनमें उसके पद की रिक्त अन्तर्वलित नहीं है, अनुपसिथत रहती है तो उक्त अनुसार उसकी अनुपसिथति के दौरान उसके स्थान पर कार्य करने के लिये किसी अन्य व्यकित को नियुक्त कर सकेगी.

निदेशक का पारिश्रमिक
12-धारा 10 में अन्यथा उपबंधित के सिवाय, निदेशकों को बोर्ड के या उसकी समितियों में से किसी समिति के समिमलन में हाजिर होने के लिये तथा निगम का कोर्इ न्य कार्य करने के लिये ऐसी फीस तथा भत्तों का संदाय किया जाएगा जिनका कि विनियमों द्वारा उपबंध किया जाए. परन्तु अध्यक्ष, प्रबंध निदेशक को या किसी अन्य निदेशक को, जो राज्य सरकार का या केन्द्रीय सरकार का मंत्राी या पदाधिकारी है, इस धारा के अधीन कोर्इ फीस देय नहीं होगी.

बोर्ड के समिलन
13- 1. बोर्ड ऐसे समयों पर तथा ऐसे स्थानों पर समिमलन करेगा और अपने समिमलनों में कामकाज के संपादन के संबंध में प्रकि्रया के ऐसे नियमों का अनुपालन करेगा जो विनियमों द्वारा उपबंधित किए जाएं परन्तु बोर्ड प्रत्येक तीन मास में कम से कम एक बार समिमलन करेगा.
2. बोर्ड का अध्यक्ष या, उसकी अनुपसिथति में कोर्इ अन्य ऐसा निदेशक, जो समिमलन में उपसिथत निदेशकों द्वारा चुना गया हो, समिमलन की अध्यक्षता करेगा
3. बोर्ड के किसी समिमलन के समक्ष आने वाले समस्त मामले, उपसिथत तथा मत देने वाले निदेशकों के बहुमत से विनिशिचत किए आएंगे और मतों के बराबर-बराबर होने की दशा में समिमलन की अध्यक्षता करने वाले व्यकित का द्वितीय या निर्णायक मत होगा।
4. यदि बोर्ड किसी विशिष्ट मामले पर किसी व्यकित की सलाह या राय लेना आवश्यक समझता है, तो बोर्ड ऐसे व्यकित को बोर्ड के किसी समिमलन में हाजिर होने के लिये आमंत्रित कर सकेगा. ऐसे आमंत्रित व्यकित को ऐसे समिमलन में की किसी भी चर्चा में भाग लेने का अधिकार होगा किन्तु उसे ऐसे समिमलन में मत देने का अधिकार नहीं होगा।

बोर्ड की समितियां
14- 1. बोर्ड इतने निदेशकों से, जितने कि विनियमों द्वारा उपबंधित किए जाएं, मिलकर बनने वाली एक या अधिक कार्यकारिणी समितियां इस हेतु से गठित कर सकेगा कि वे ऐसे कृत्यों का निर्वहन करें जो उन्हें बोर्ड द्वारा प्रत्यायोजित किए जाएं।
2. बोर्ड, निगम के कि्रयाकलापों से संबंधित ऐसे प्रयोजनों के लिये, ऐसी समितियां, जैसा कि वह विनिशिचत करे, गठित कर सकेगा जो या तो पूर्णत: निदेशकों से या पूर्णत: अन्य व्यकितयों से, जैसा कि वह ठीक समझे, मिलकर बनेगी।
3. किसी समिति के ऐसे सदस्यों को, जो निगम के निदेशकों से भिन्न हो, उसके समिमलिन में हाजिर होने के लिये तथा निगम का कोर्इ अन्य कार्य करने के लिये निगम द्वारा ऐसी फीस और या भत्तों का संदाय किया जाएगा जिनका कि विनियमों द्वारा उपबंध किया जाए।

बोर्ड का या उसकी समिति का सदस्य कतिपय मामलों में भाग नहीं लेगा या उनमें मत नहीं देगा.
 15- निगम का कोर्इ ऐसा निदेशक या किसी समिति का कोर्इ ऐसा सदस्य जो बोर्ड के या उसकी किसी समिति के समिमलन में विचारार्थ आने वाले किसी मामले में धन संबंधी कोर्इ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष हित रखता है, अपने हित की प्रकृति को ऐसे समिमलन में प्रकट करेगा और ऐसा प्रकटन यथासिथति बोर्ड या समिति के कार्यवृत में अभिलिखित किया जाएगा, और ऐसा निदेशक या सदस्य उन मामले के संबंध में बोर्ड या समिति द्वारा किए जाने वाले किसी विचार-विमर्श या विनिश्चय में ऐसा स्पष्टीकरण, जिसकी उससे अपेक्षा की जाय, देने के सिवाय कोर्इ भाग नहीं लेगा।

प्रबंध निदेशक नियुकित प्रधिकारी होगा
16- निगम की ओर से कार्य करने वाला प्रबंध निदेशक नियुकित प्राधिकारी समझा जायेगा ओर वह निगम द्वारा नियोजित समस्त कर्मचारीवन्द के बारे में ऐसे प्राधिकारी की समस्त शकितयों का प्रयोग करेगा प्रबंध निदेशक द्वारा इस संबंध में किए गए आदेश के विरूद्ध अपील बोर्ड के अध्यक्ष को ऐसी रीती में होगा जो विनियमों द्वारा उपबंधित की जाए.

सरकारी विभाग से निगम को स्थानांतरित किये गये कर्मचारी की सेवा की शर्ते
1. धारा 29 के उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए कोर्इ ऐसा पदधारी जो निगम की प्रार्ािना पर राज्य सरकार द्वारा अपने किसी विभाग से निगम को स्थायी रूप से या अस्थायी रूप से स्थानान्तरत किया गया है, उपदान ;ग्रेच्युटीद्ध संबंधी, पेशनिक फाश्यदों तथा किन्हीं अन्य फायदों संबंधी समस्त ऐसे विशेषाधिकारों का उपभाग करेगा जिनका कि वह पदधारी राज्य सरकार में के अपने मूल विभाग में सेवा करते रहतने की दशा में हकदार होगा।
2. उपधारा 1 में विनिर्दिष्ट किया गया कोर्इ पदधारी, निगम में नियोजित रहने की अवधि के दौरान निगम के अनुशासनिक नियंत्राण के अध्यधीन रहेगा।

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